छत्तीसगढ़ सहायक शिक्षक भर्ती में कोर्ट से बड़ी राहत ,लोक शिक्षण संचालनालय ने 2512 शिक्षकों के भर्ती हेतु आदेश जारी
nvs teacher recruitment 2022,teachers recruitment 2022,kvs teacher recruitment 2022,prt teachers recruitment 2022,cg new recruitment 2022,शिक्षक भर्ती,cg new vacancy 2022,cg shikshak bharti 2022,teacher bharti 2022,recruitment,b.ed teacher bharti 2022,bihar teachers bharti 2022,छत्तीसगढ़ शिक्षक भर्ती 2022,cg new upcoming vacancy 2022,cg rajnandgaon shikshak recruitment 2022 application,cg rajnandgaon shikshak recruitment 2022 information
Chhattisgarh Assistant Teacher Recruitment 2022 :- सहायक शिक्षक भर्ती में कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। बस्तर , सरगुजा संभाग सहित कोरबा जिले में पिछले 3 सालों से शिक्षक भर्ती अटकी हुई थी। हाई कोर्ट में चली सुनवाई के बाद आखिरकार हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने की हरी झंडी दे दी। 2700 पदों में भर्ती प्रक्रिया रुकी हुई है , लेकिन मिली जानकारी के अनुसार सिर्फ 2512 पदों में भर्ती के निर्देश मिले है।
लोक शिक्षण संचालनालय (DPI)- माध्यमिक शिक्षक ने सम्बंधित सभी जिला शिक्षा अधिकारीयों को उक्त भर्ती प्रक्रिया को जून के प्रथम सप्ताह तक पूर्ण करने कहा है। Lok Sikshan Sanchalnalaya (लोक शिक्षण संचालनालय)
चयनित शिक्षकों को बड़ी राहत –
बेरोजगारी के इस दौर में सरकारी नौकरी पाना सबसे कठिन काम है , ऐसे समय में लगभग 2700 चयनित शिक्षक अपनी ज्वाइनिंग / पदस्थापना का पिछले तीन सालों से इंतजार कर रहे थे। जैसे – जैसे समय बिट रही थी वैसे – वैसे मन में निराशा भी बैठते जा रही थी। तीन वर्ष तक इंतजार करना बहुत बड़ी बात है।
CG शिक्षक भर्ती 2022 – CG Shikshak recruitment 2022
आखिरकार इन चयनित शिक्षकों को हाईकोर्ट से न्याय मिला और भर्ती प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का फरमान जारी हो गया। 2512 पदों में शिक्षक भर्ती की कार्यवाही जून प्रथम सप्ताह तक पूर्ण हो जाएगी।
जाने ,, क्या था मामला , स्थानीय अभ्यर्थियों ने बाहरी नियुक्ति दिया था चैलेंज –
मार्च 2019 में प्रदेश में 14580 पदों में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी। जनवरी 2020 से धीरे – धीरे शिक्षकों की पदस्थापना शुरू हो गई थी। लेकिन सरगुजा एवं बस्तर संभाग सहित कोरबा जिले में सहायक शिक्षकों की भर्ती पर स्थानीय अभ्यर्थियों ने बाहरी नियुक्ति को हाईकोर्ट में चैलेंज कर दिया था। दायर याचिका पर सुनवाई के बाद पद्स्थाना आदेश पर कोर्ट ने रोक लगा दी थी।
बाद में स्थानीय नियुक्ति को अलग से याचिका के माध्यम से चुनौती दी गई। दोनो याचिका की एकसाथ सुनवाई हुई और अंततः कोर्ट ने स्थानीय अभ्यर्थियों के याचिका को असंवैधानिक घोषित कर दिया।